Wednesday, June 18, 2025
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टीटी की वर्दी से लेकर संसद की कुर्सी तक – सुनील दत्त का जादू!

🎬 सुनील दत्त: एक बस के टीटी से बॉलीवुड के लीजेंड तक का सफ़र 🌟

“जिंदगी जब भी देती है, इम्तिहान देती है – और कुछ लोग उसे पास करके इतिहास बना देते हैं।”
सुनील दत्त उन्हीं लोगों में से एक थे।

📍 शुरुआत बेहद साधारण थी

सुनील दत्त का जन्म 6 जून 1929 को पंजाब के झेलम (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। बंटवारे के दौरान उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने मुंबई के जय हिन्द कॉलेज से पढ़ाई की, लेकिन हालात ऐसे नहीं थे कि बस किताबें पढ़ते रहते।

🚌 बस में टिकट चेक करने वाला लड़का

मुंबई में पढ़ाई के साथ-साथ जीविका के लिए उन्हें BEST बस सेवा (Brihanmumbai Electric Supply and Transport) में टीटी (टिकट चेकर) की नौकरी करनी पड़ी। दिन में पढ़ाई और नौकरी, और रात को खाली वक्त में रेडियो पर काम की तलाश करते।

📻 आवाज़ बनी पहचान

उनकी आवाज़ में गहराई थी। रेडियो सिलोन (अब श्रीलंका) में उन्हें बतौर RJ काम मिला और उनका शो “Lipton Ki Mehfil” काफी पॉपुलर हुआ। यहीं से फिल्मी दुनिया में उनके कदम पड़े।

🎥 पहली फिल्म और सितारे की चमक

Mother India (1957)

1955 में फिल्म ‘रेलवे प्लेटफॉर्म’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। फिर ‘मदर इंडिया’ ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। उस फिल्म में उन्होंने नरगिस के बेटे का रोल किया और यहीं से दोनों की ज़िंदगी भी जुड़ गई।

❤️ नरगिस से प्यार और शादी

Priya Dutt posts emotional message to mark wedding anniversary of Sunil Dutt,  Nargis – ThePrint – ANIFeed

‘मदर इंडिया’ के दौरान सेट पर आग लग गई थी, और सुनील दत्त ने अपनी जान जोखिम में डालकर नरगिस को बचाया। यही बहादुरी प्यार में बदल गई और बाद में उन्होंने शादी कर ली।

🔥 जब संजय दत्त को बचाने के लिए खड़े हुए पिता

Sanjay Dutt remembers father Sunil Dutt on his 14th death anniversary with  a heartfelt Instagram post

1993 के बम धमाकों के बाद संजय दत्त पर आतंकवाद के आरोप लगे। उस वक्त पूरा देश दो हिस्सों में बंट गया, लेकिन एक पिता ने हार नहीं मानी।

“मैं नेता हूँ, अभिनेता हूँ — पर उससे पहले एक पिता हूँ। और पिता कभी हार नहीं मानता।”

सुनील दत्त ने कानून के साथ रहकर, हर कदम पर संजय के लिए लड़ाई लड़ी। कोर्ट में खड़े होकर कहा – “मुझे नहीं पता मेरा बेटा निर्दोष है या दोषी, लेकिन एक पिता की नज़र में वो अब भी बच्चा है।”

🕊️ एक प्रेरणा, जो कभी नहीं मिटेगी

सुनील दत्त ने संघर्ष, ईमानदारी और परिवार के लिए जो मिसाल कायम की — वो आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।

🏛️ राजनीति में कदम और सामाजिक सेवा

फिल्मों के अलावा उन्होंने राजनीति में भी शानदार सफर तय किया। सांसद बने, मंत्री बने, और सबसे अहम – एक सच्चे इंसान बने। उन्होंने अपने बेटे संजय दत्त के संघर्षों में हमेशा चट्टान की तरह साथ निभाया।

🌟 संघर्ष ही पहचान है

बस का टीटी, रेडियो होस्ट, अभिनेता, पारिवारिक इंसान, और नेता — सुनील दत्त ने हर किरदार को जीकर दिखाया।

आज भी उनका जीवन युवाओं के लिए एक सीख है:
“कहीं से भी शुरुआत हो, अगर इरादा मजबूत हो तो मंज़िल मिलती ही है!”

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