नरगिस दत्त और संजय दत्त की प्रेम कहानी बहुत ही गहरी और भावनात्मक है, जिसने कई लोगों के दिलों को छुआ है। इसमें रोमांस और त्रासदी दोनों ही हैं।
नरगिस दत्त: भारतीय सिनेमा की एक महान अभिनेत्री, जिन्हें “मदर इंडिया” और “आवारा” जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। वह बॉलीवुड में व्यापक प्रशंसा और लोकप्रियता पाने वाली पहली अभिनेत्रियों में से एक थीं।
संजय दत्त: नरगिस और अभिनेता सुनील दत्त के बेटे, वह खुद इंडस्ट्री में एक प्रमुख अभिनेता बन गए, जिन्हें “रॉकी”, “वास्तव” और “मुन्ना भाई एमबीबीएस” जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
उनकी प्रेम कहानी
माँ-बेटे का रिश्ता: नरगिस और संजय के बीच का रिश्ता अविश्वसनीय रूप से घनिष्ठ था। नरगिस का अपने बेटे के साथ गहरा भावनात्मक रिश्ता था, अक्सर वह अपने करियर के विकल्पों और व्यक्तिगत संघर्षों में उसका साथ देती थीं।
नरगिस की बीमारी: दुखद रूप से, 1980 के दशक के अंत में नरगिस को अग्नाशय के कैंसर का पता चला था। संजय अपनी माँ की बीमारी से बहुत प्रभावित हुए और इस कठिन समय में उन्होंने खुद को उनकी देखभाल के लिए समर्पित कर दिया।
अंतिम दिन: अपने अंतिम दिनों में, नरगिस ने संजय के लिए अपनी इच्छा व्यक्त की कि वह खुश और सफल रहें। वह अक्सर उन्हें नकारात्मक प्रभावों से दूर रहने की सलाह देती थीं, खासकर संजय के नशे की लत और कानूनी मुद्दों से संघर्ष को देखते हुए।
प्रेम की विरासत
नरगिस का निधन: मई 1981 में नरगिस का निधन, संजय की पहली फिल्म रिलीज़ होने से कुछ दिन पहले हुआ। इसने उन पर गहरा प्रभाव डाला, जिसने उनके करियर और निजी जीवन को आकार दिया।
संजय की श्रद्धांजलि: संजय दत्त अक्सर अपनी माँ के प्रति अपने गहरे प्यार और सम्मान के बारे में बात करते हैं। वह अपनी कई उपलब्धियों को उनकी याद में समर्पित करते हैं और अपने काम के माध्यम से उनकी विरासत का सम्मान करना जारी रखते हैं।