धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी और उनका परिवार – एक सच्ची फ़िल्मी कहानी
जब दो सितारे टकराए – धर्मेन्द्र और हेमा की पहली मुलाकात
साल 1970…
(फ़िल्म ‘शराफ़त’ के सेट पर)
🎥 हेमा मालिनी (चुपचाप स्क्रिप्ट देखती हैं)
धर्मेन्द्र (मुस्कुराते हुए पास आते हैं):
“आप साउथ से हैं न? लेकिन हिंदी में इतनी साफ़ बोली कैसे बोलती हैं?”
हेमा (हँसते हुए):
“सीख लिया है मुंबई आकर… वैसे आप असली हीरो टाइप लगते हैं।”
धर्मेन्द्र:
“और आप तो… जैसे परियों की रानी हो।”
(धीरे-धीरे दोनों के बीच एक अटूट रिश्ता बनता गया।)
शादी और संघर्ष
धर्मेन्द्र पहले से शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे भी थे – सनी, बॉबी, अजीता और विजेता।
हेमा मालिनी अपने संस्कारों के साथ इस रिश्ते को लेकर बहुत सोच-विचार में थीं।
हेमा मालिनी (अपनी माँ से):
“माँ, मैं उन्हें बहुत चाहती हूँ… लेकिन ये रास्ता आसान नहीं होगा।”
हेमा की माँ (सख्त लहजे में):
“अगर तुमने ये रास्ता चुना, तो हर कदम सोच-समझकर रखना पड़ेगा।”
1979 में, हेमा और धर्मेन्द्र ने शादी कर ली – निजी रूप से, बहुत सीमित लोगों के साथ। दोनों ने इस रिश्ते को इज़्ज़त और परिपक्वता से निभाया।
परिवार – ईशा और अहाना
(धर्मेन्द्र और हेमा के घर में ईशा और अहाना का जन्म)
धर्मेन्द्र (नन्हीं ईशा को गोद में लेते हुए):
“ये मेरी छोटी रानी है… बिल्कुल अपनी माँ जैसी।”
हेमा (मुस्कुराकर):
“और अहाना… ये सबसे शांत और समझदार होगी।”
दोनों बेटियों को उन्होंने प्यार, अनुशासन और संस्कृति में पाला।
ईशा ने बॉलीवुड में कदम रखा – ‘ना तुम जानो ना हम’, ‘धूम’ जैसी फिल्मों में काम किया।
अहाना ने कला और डांस में अपना करियर चुना।
रिश्ते, इज़्ज़त और दूरी
धर्मेन्द्र का रिश्ता पहली पत्नी प्रकाश कौर से आज भी कायम रहा।
हेमा और उनके बेटों – सनी और बॉबी – के बीच एक तरह की दूरी रही।
पर हेमा ने कभी किसी के खिलाफ़ बयान नहीं दिया।
हेमा मालिनी (एक इंटरव्यू में):
“हर परिवार की अपनी कहानी होती है। मैं अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर और संयमी बनाना चाहती हूँ।”
धर्मेन्द्र ने हमेशा दोनों परिवारों को अलग-अलग लेकिन सम्मान के साथ संभाला।
अब की ज़िंदगी – सादगी और सम्मान
अब हेमा मालिनी एक सांसद हैं (मथुरा से), सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं और भरतनाट्यम की शिक्षक भी हैं।
धर्मेन्द्र ने राजनीति से दूरी बनाई और अब खेती, पुराने गीत, और कविता लेखन में समय बिताते हैं।
धर्मेन्द्र (अपने फार्महाउस से वीडियो में):
“ज़िंदगी बहुत कुछ सिखा देती है। बस दिल को साफ़ रखो, सब ठीक रहता है।”
💖
धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की कहानी किसी फ़िल्म से कम नहीं —
प्रेम, संघर्ष, इज़्ज़त, दूरी, और संयम से भरी।
ये कहानी सिखाती है:
“सच्चा प्यार वक्त लेता है, लेकिन जब दिल सच्चे हों – तो हर मुश्किल रास्ता पार किया जा सकता है।”