उसकी आंखों में आंसू थे, मैंने कपड़े…’: जब परवीन बॉबी को याद कर बोले महेश भट्ट
बॉलीवुड की दुनिया में कई ऐसी कहानियां हैं, जो समय के साथ भले ही धुंधली हो गई हों, लेकिन उनका असर आज भी गहराई तक महसूस किया जा सकता है। ऐसी ही एक कहानी है महेश भट्ट और परवीन बॉबी के बीच के रिश्ते की, जिसने न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया था।
महेश भट्ट और परवीन बॉबी का रिश्ता
महेश भट्ट, जो अपने बोल्ड और वास्तविक फिल्म निर्माण के लिए जाने जाते हैं, ने परवीन बॉबी के साथ एक गहरा और भावनात्मक रिश्ता साझा किया। परवीन, अपने समय की सबसे ग्लैमरस और चर्चित अभिनेत्री थीं। लेकिन उनके निजी जीवन में अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं गहरी थीं।
वो भावुक पल
महेश भट्ट ने एक इंटरव्यू में परवीन बॉबी के साथ अपने रिश्ते के सबसे भावुक और दर्दनाक पलों को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार जब उन्होंने परवीन को देखा, तो उनकी आंखों में आंसू थे। महेश भट्ट ने कहा, “ये वही बेडरूम था, जहां हम करीब आए थे। लेकिन अब सबकुछ बदल चुका था। मैंने देखा, परवीन बुरी हालत में थी। मैंने उसके आंसू पोंछे और उसकी मदद करने की कोशिश की।”
महेश भट्ट के लिए यह पल बेहद दर्दनाक था, क्योंकि वह परवीन को उस स्थिति में देख नहीं पा रहे थे। उन्होंने महसूस किया कि उनकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी।
परवीन बॉबी का संघर्ष
परवीन बॉबी ने अपने करियर में जितनी शोहरत पाई, निजी जिंदगी में उतना ही अकेलापन झेला। उनकी मानसिक स्थिति खराब होने लगी थी, जिसे स्किज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia) के रूप में पहचाना गया। महेश भट्ट ने उस समय उनकी देखभाल करने की पूरी कोशिश की, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी थी कि चीजें उनके हाथ से निकल गईं।
महेश भट्ट की यादें
महेश भट्ट आज भी परवीन बॉबी को याद करते हैं। उन्होंने कहा, “परवीन के साथ बिताए पल मेरे जीवन के सबसे खास और भावुक क्षण थे। उनके संघर्ष और दर्द ने मुझे जीवन के प्रति एक नई दृष्टि दी।”
आखिरी पलों की टीस
महेश भट्ट के लिए यह बात आज भी दर्दभरी है कि वह परवीन बॉबी को उस संघर्ष से बाहर नहीं निकाल पाए। उनकी मृत्यु ने न केवल उनके प्रशंसकों को बल्कि महेश भट्ट को भी अंदर से तोड़ दिया।
निष्कर्ष
महेश भट्ट और परवीन बॉबी की कहानी प्यार, दर्द, और संघर्ष का प्रतीक है। यह कहानी दर्शाती है कि शोहरत और ग्लैमर के पीछे भी इंसान की भावनाएं और परेशानियां छिपी होती हैं। परवीन बॉबी आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानी हमें हमेशा यह याद दिलाती रहेगी कि मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना कितना जरूरी है।