Thursday, April 3, 2025
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Guru Dutt and Waheeda Rehman: The story of an incomplete love

गुरु दत्त और वहीदा रहमान: एक अधूरी मोहब्बत की कहानी

बॉलीवुड में कई ऐसी कहानियां हैं, जो सिनेमा की चकाचौंध से परे, दिलों में बसी हुई हैं। ऐसी ही एक अनसुनी कहानी है गुरु दत्त और वहीदा रहमान की। यह कहानी प्यार, कशमकश, और अधूरेपन की है, जो आज भी बॉलीवुड के सुनहरे दौर की सबसे भावुक दास्तानों में से एक मानी जाती है।

गुरु दत्त: एक महान फिल्मकार

गुरु दत्त को हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों में गिना जाता है। उनकी फिल्मों में दर्द और रोमांस की गहराई हमेशा महसूस होती थी। ‘प्यासा’ और ‘कागज के फूल’ जैसी फिल्में उनके जीवन और उनकी भावनाओं का आईना मानी जाती हैं।

वहीदा रहमान की एंट्री

वहीदा रहमान, जो अपने समय की सबसे खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक थीं, गुरु दत्त की जिंदगी में तब आईं जब वह अपने करियर के चरम पर थे। गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को अपनी फिल्म ‘सीआईडी’ में काम करने का मौका दिया। उनकी मासूमियत और अभिनय ने गुरु दत्त को प्रभावित किया।

प्यार और कशमकश

गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच का रिश्ता न सिर्फ व्यक्तिगत था, बल्कि पेशेवर भी। उन्होंने साथ में कई शानदार फिल्में कीं, जिनमें ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’ और ‘चौदहवीं का चांद’ जैसी फिल्मों ने अमरता पाई। लेकिन उनका रिश्ता एक साधारण प्रेम कहानी से कहीं अधिक जटिल था।

गुरु दत्त पहले से शादीशुदा थे। उनकी पत्नी गीता दत्त, जो खुद एक मशहूर गायिका थीं, गुरु दत्त और वहीदा रहमान के रिश्ते से बेहद आहत थीं। वहीदा रहमान भी इस स्थिति से असहज थीं, क्योंकि वह किसी का घर तोड़ने की वजह नहीं बनना चाहती थीं।

अधूरी मोहब्बत

गुरु दत्त और वहीदा रहमान का रिश्ता धीरे-धीरे एक दर्दनाक मोड़ पर आ गया। वहीदा ने खुद को इस रिश्ते से दूर कर लिया, क्योंकि वह जानते थे कि यह रिश्ता कभी मुकम्मल नहीं हो सकता। गुरु दत्त के लिए यह बेहद मुश्किल था। उनकी निजी जिंदगी और मानसिक स्थिति खराब होती चली गई।

गुरु दत्त का अंत

10 अक्टूबर 1964 को गुरु दत्त अपने कमरे में मृत पाए गए। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह आत्महत्या थी या एक दुर्घटना। उनकी मौत ने बॉलीवुड को सदमे में डाल दिया। यह माना जाता है कि वहीदा रहमान से अलगाव और उनकी असफल शादी उनके दर्द का एक बड़ा कारण था।

वहीदा रहमान का बयान

सालों बाद वहीदा रहमान ने एक इंटरव्यू में कहा, “गुरु दत्त बहुत प्रतिभाशाली और भावुक इंसान थे। उनका दर्द उनके काम में झलकता था। उनके साथ काम करना मेरे करियर का सबसे खूबसूरत हिस्सा था, लेकिन उनका जाना आज भी मुझे दुखी करता है।”

निष्कर्ष

गुरु दत्त और वहीदा रहमान की कहानी सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि बॉलीवुड की सबसे गहरी और दर्दनाक दास्तानों में से एक है। यह कहानी दिखाती है कि शोहरत और सफलता के पीछे छिपा दर्द किसी को भी झकझोर सकता है।

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